टब का पानी कम मात्रा (मा-खलील) में है। इस में यदि खून का एक बूंद भी गिर जाए या इस जैसी कोई तथा अपवित्र व अशुद्ध चीज़ गिर जाए तो इस का फुक़्हा किराम ने इस का आदेश ये है के वह पानी अपवित्र व अशुद्ध है।
अब रहा क्या उसे किसी कार्य में उपयोग किया जा सकता है या नहीं? सिलसिले में विस्तार वर्णन की हैः यदि अपवित्रता व अशुद्धता गिरने के कारण से इस के गुण रंग, बो तथा स्वाद बदल जए तो उसे किसी रूप से उपयोग ना किया जाए तथा यदि अपवित्रता गिरने के कारण रंग, बो, स्वाद ना बदला हो तो ये पानी अपवित्र व अशुद्ध अवश्य है।
उस से वुज़ू व स्नान करना या किसी अपवित्र वस्तु को पवित्र करना शरन जाइज़ नहीं। अतः इस पानी से जीव-जन्तु को पिलाना तथा मिठ्ठी तर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। परन्तु इस से मसजिद का गुलावा नहीं किया जा सकता।
जैसा के फतावा आलमगिरी, किताबुल तहारह में उल्लेख है।
{और अल्लाह तआ़ला सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखने वाला है,
मुफती सैय्यद ज़िया उद्दीन नक्षबंदी खादरी
महाध्यापक, धर्मशास्त्र, जामिया निज़ामिया,
प्रवर्तक-संचालक, अबुल हसनात इसलामिक रीसर्च सेन्टर}