पैगम्बर – निर्माण के मार्ग-दर्शक
मौलाना मुफती सैय्यद ज़िया उद्दीन नक्षबंदी खादरी का लेक्चर
अल्लाह तआला की मख़लूक व निर्माण तक अल्लाह का सन्देश बनाने तथा उन्हें रब की हिदायत व मार्गदर्शन से संबोधित करने के लिए अल्लाह तआला ने पैगम्बर (नबी) व रसूल इज़ाम का चुनाव किया। इन के अस्तित्व से निर्माण फैज़याब होती रही और हिदायत की राह पाती रही।
इस संसार में कम व पेश 1,24,000 अंबिया व रसूल उजागर हुए। बेअसत का नूरानी सिलसिला हज़रत आदम से शुरू हुआ, और सब से अतं में हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अंतिम पैगम्बर (खत्मे-नबूवत) का ताज पहन कर तशरीफ लाए।
जैसा बेअसत के अनुसार से आप सब से अंत में आए परन्तु रचना व तख़लीक़ के अनुसार से आप सब से प्रथम हैं। अल्लाह तआला ने आप को ना केवल विशाल इमामत का मन्सब प्रदान किया बल्कि महबूबियत के विशाल स्थान से भी आभूषण किया। नबूवत व रिसालत का मन्सब, मेहनत व कसब से प्राप्त नहीं होता बल्कि ये संबंध अल्लाह तआला के चुनाव करने से होता है। अल्लाह तआला अपनी उच्च हिक्मत व चुनाव से जिसे चाहता है उन्हें चुनाव कर के उच्च व धर्मनिष्ठ कर देता है और उन्हें निर्माण का मुक़तेदा व पेशवा बना देता है।
इन सच्चाई का प्रकट हज़रत मौलाना मुफती सैय्यद ज़िया उद्दीन नक्षबंदी खादरी, महाध्यापक, धर्मशास्त्र, जामिया निज़ामिया, प्रवर्तक-संचालक, अबुल हसनात इसलामिक रीसर्च सेन्टर ने AHIRC के प्रति प्रबन्ध मसजिद अबुल हसनात रहमतुल्लाहि अलैह जहाँ नुमा हैद्राबाद में साप्ताहिक लेक्चर के दौरान किया।
मुफती साहब ने कहा के मुन्किरीन ने जब इस बात की आवश्यकता किया के हम उस समय तक कभी इमान ना लाएँगे जब तक के हमें वह पुस्तकें (अल्लाह का कलाम व किताबें) ना दिए जाएँ जो रसूलों को दिए जाते हैं। अल्लाह तआला ने इन की तरदीद करते हुए फरमाया के अल्लाह तआला खूब जानता है के किस रसूल बनाया जाए।
अल्लाह तआला अपनी ज़ात व गुण में सम्पूर्ण व निपुण है और इस का चुनाव भी निपुण है। मुफती साहब ने कहा के अंबिया किराम वह उच्च हस्तियाँ हैं जो सम्पूर्ण लोगों में मुमताज़ व प्रमुख होती है। परिवार व ख़ानदान के अनुसार से सब से उच्च, घराने की हैसियत से सब से उत्तम, शिष्टाचार व सभ्याचार के अनुसार से सब से पवित्र ज्ञान व कृपा में सब से उत्तम और सूरत व सीरत प्रत्येक अनुसार से बेमिसाल व अद्वितीय होते हैं।
अल्लाह तआला इन उच्च ज़ातों को ज़ाहिरी खोट व कमियों से भी सुरक्षित रखता है एवं मुतन्फर्र करने वाले रोग व अमराज़ से भी पवित्र व शुद्ध रखता है। बातिन के अनुसार से इन के दिल ऐसे पवित्र व शुद्ध होते हैं के वह इसरार-ईलाही का गंजीबा होते हैं और इन पर अल्लाह के अनवार व तजल्लियात का पैहम वर्णन होता है।
दुनिया की सारी रचना व निर्माण, कारे-क़ुदरत का आदर्श है, और रसूल – शाहकारे-क़ुदरत हैं। इस अवसर पर मुफती साहब ने नबूवत की अवश्यकता के अनेक अख़ली दलीलें भी वर्णन की, उन्हों ने कहा के मनुष्य अपने जीवन के बाखी रेहने के लिए 4 चीज़ों का निर्धन व मोहताज है।
भोजन, वस्त्र, मकान और वंश बढ़ाने के लिए विवाह। यदि इन आवश्यकताओं के समापन के लिए गलत तरीक़े अपनाया जाए तो समाज पर ना केवल इस के मनफी असरात घटित होते हैं बल्कि धरती पर फितने व फसाद भी घटित होता है। मनुष्य खुद अपनी बुद्धि से प्रत्येक समय सत्य व असत्य, सही व गलत के बीच अंतर नहीं कर सकता।
अज्ञानता के अँधेरेपन के कारण से वह हानिकारक चीज़ को लाभदायक और लाभदायक चीज़ को हानिकारक समझता है। ऐसे समय मानवता अपनी रेहबरी व व हिदायत (मार्गदर्शन) के लिए अल्लाह तआला के दरबार से चुने हुए, सत्य व असत्य के बीच फ़र्क़ करने वाली ऐसी शख्सियत की मोहताज होती हैं।
दो अल्लाह के सन्देश की अमीन हो, और अल्लाह तआला की मरज़ी के अनुसार लोगों को जीवन बिताना सिखाए। अंबिया किराम व रसूल इज़ाम ही वह लोग हैं जो निर्माण के पेशवा हैं। वह इन के हर कार्य व कर्म में हादी और प्रत्येक चीज़ में रेहबर होते हैं।
मुफती साहब ने मन्सब-रिसालत की अज़मत व जलालत के अनेक पेहलूओं पर रोशनी ड़ाली और कहा के जब भी सरकार पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर विरोध व एतराज़ात किए गए अल्लाह तआला ने खुद अपने हबीब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का दिफाअ करते हुए विरोधियों का उत्तर दिया और आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की अज़मत व जलालत को निर्माण पर उजागर किया।
लेक्चर के बाद ज़िक्र व सुलूक का हल्क़ा हुआ, और मुफती साहब क़िबला की दुआ पर सभा का अंत हुआ। मौलाना हाफिज़ सैय्यद अहमद ग़ौरी नक्षबंदी, अध्यापक, जामिया निज़ामिया ने प्रबन्ध की कार्यवाही संभाली। |