छाती और पीठ के बाल निकालने का आदेश
छाती तथा पीठ के बाल निकालना शरन जाइज़ व हराम नहीं किन्तु उच्च विरुद्ध (खिलाफ-औला) है। रद्दुल मुहतार के लेखक अ़ल्लामा इब्न आबेदीन शामी रहमतुल्लाहि अलैह ने इसे शिष्टाचार व अदब के विरुद्ध घोषित किया है।
जैसा के रद्दुल मुहतार जिल्द 05, पः 882 में हैः-
भाषांतरः- छाती तथा पीठ के बाल निकालना अदब के विरुद्ध है।
{और अल्लाह तआ़ला सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखने वाला है,
मुफती सैय्यद ज़िया उद्दीन नक्षबंदी खादरी
महाध्यापक, धर्मशास्त्र, जामिया निज़ामिया,
प्रवर्तक-संचालक, अबुल हसनात इसलामिक रीसर्च सेन्टर}