इ़माम हुसैन के लिए सरकार पाक ने सजदा लम्बा कर दिया
सुनन निसाई, मुसनद इ़माम अहमद, मुसन्नफ इ़ब्न अबी शैबा, मुसतदरक अ़ला सहिहैन, मुअ़जम कबीर तबरानी, मजमअ़ अल ज़वाई़द, सुनन अल कुबरा लिल बैहखी, सुनन कुबरा लिल निसाई, अल मुतालिब अल यआ़ला, मुसनद अबी लैअ़ला तथा कंज़ुल उ़म्माल आदि में हदीस मुबारक हैः-
भाषांतरः हज़रत अबदुल्लाह बिन शद्दाद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से वर्णित है, वह अपने पिता से वर्णित करते हैं, इन्हों ने फरमाया के हज़रत रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम इ़शां कि नमाज़ के लिए हमारे पास आए, इस स्थिति में आप हज़रत हसन या हज़रत हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को उठाए हुए थे, फिर हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम आगे तशरीफ ले गए तथा इन्हें बिठा दिया, फिर आप ने नमाज़ के लिए तकबीर फरमाई एवं नमाज़ अदा करने लगे नमाज़ में आप ने लम्बा सजदा किया, मेरे पिता कहते हैः- मैं ने सर उठा कर देखा के हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम सजदे में है हैं तथा शहज़ादे रज़ियल्लाहु तआला अन्हु आप कि धन्य पीठ पर हैं। तो मैं फिर सजदे में चला गया, जब हज़रत रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम नमाज़ से फारिग़ हुए तो सहाबा किराम ने विनती कीः या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम! आप ने नमाज़ में सजदा लम्बा (तवील) फरमाया के हमें आशंका हुई के कहीं कोई घटना पेस नहीं आई, या आप पर अल्लाह कि वही प्रकट नहीं हो रही है? तो सरकार पाक सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने आदेश फरमायाः इस प्रकार कि कोई बात नहीं हुई सिवाए यह के मेरा (सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम) बेटा मुझ पर सवार हो गया था, और जब तक वह अपनी इच्छा से ना उतरे मुझे हटना पसंद ना हुआ।
(सुनन निसाई, हदीस संख्याः 1129, मुसनद इ़माम, हदीस संख्याः 15456, मुसन्नफ इ़ब्न अबी शैबा, जिल्द 7, पः 514, मुसतदरक अ़ला सहिहैन, हदीस संख्याः 4759/6707, मुअ़जम कबीर तबरानी, हदीस संख्याः 6963, मजमअ़ अज़ ज़वाईद, जिल्द 9, पः 181, सुनन अल कुबरा लिल बैहखी, हदीस संख्याः 3558, सुनन कुबरा लिल नसाई, जिल्द 1, पः 243, हदीस संख्याः 727, अल मुतालिब अल आ़लियह, हदीस संख्याः 4069, मुसनद अबी यआ़ला, हदीस संख्याः 3334, कंज़ुल उ़म्माल हदीस संख्याः 37706/37705/34380)